Thursday, September 11, 2014

Junbishen 238


दोहे

सब से मुंकिर राखियो , जय जय राम सलाम ,
भिड जाए जब चूतिया , मुंह पर लगे लगाम .


तन सिंचित मोती जड़ित , मन मोहन मुस्कान ,
है सृजित शोभा गणित ,अल्ला तेरी शान .


उपदेशों से न बनी , लाए ईश आदेश ,
शक्ति को भगती मिले , ऐसे हैं आदेश .


दावत हक की ले हैं , खिला रहे हैं भूख ,
इनके उनके फ़िक्र में भी गए हैं सूख .


खोले अपना डाक चार , बैठा उपर खुदाए ,
ख़त ले आया डाकिया , मार मार पढवाए .

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