Monday, August 11, 2014

Junbishen 224



पाकर आपस में लड़े, दीन धरम का ज्ञान ,
इनमें कितना मेल था , जब थे अज्ञान .
दोहे


चला अरब से क़ाफ़िला , न पहुँचा जापान ,
भारत में फंस सा गया , इस्लामी अभियान .


पानी की कल कल सुने, सुन ले राग बयार।
ईश्वर वाणी है यही, अल्ला की गुफ्तार॥


उनका अल्ला एक है , उसके नबी रसूल ,
पुख्ता ये ईमान है , ढीली हैं सब चूल .


सर पे सूरज है खड़ा , अल्ला रख्खा जाग ,
मज़हब ही रुसवाई से,भाग सके तो भाग .
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